मोहम्मद रफ़ी...सुमन कल्याणपुरकर...
फिल्म दिल ने फिर याद किया...
इस फिल्म में...इस गाने के लिए...धर्मेन्द्र को रफ़ी की आवाज हैं...और...ये दिल हैं महोब्बत का प्यासा...इस गाने के लिए...धर्मेन्द्र को मुकेश की आवाज हैं...और दोनों भी गाने बेमिसाल हैं....
रहमान....
हम वो परवाने हैं जो शमा का दम भरते हैं...
हुस्न की आह में खामोश रहा करते हैं...
आह भी निकले तो ये प्यार की रूसवायी हैं...
फिर कोई चोट महोब्बत की उभर आई हैं...
दिल ने फिर याद किया...
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